मुंबई - शहर के धारावी इलाके से कम हो रही कोरोना मरीजों की संख्या एक तरफ तो राहत का संकेत दे रही है पर धारावी के लोग अब लॉक डाउन से राहत का इंतज़ार कर रहे हैं . गौरतलब हो की एशिया की सबसे घनी बस्ती के रूप में विख्यात धारावी बीते वर्ष लॉक डाउन में कोरोना का हॉट स्पॉट बन चुकी थी , इस दौरान धारावी से मरीजों की संख्या ने सर्वाधिक ९१ मरीजों का एक ही दिन में पाए जाने का रिकॉर्ड है , जिसके बाद से ही मनपा प्रशासन और राज्य सरकार की परेशानी बढ़ गयी थी , जिसके बाद मनपा प्रशासन और स्थानीय सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से घर घर जांच और स्वास्थ शिविर व अन्य माध्यमों से टेस्टिंग बढाई गयी और मरीजों की और ध्यान दिया जाने लगा , मनपा और स्थानीय सामाजिक संस्थाओं की इस मेहनत का नतीजा ये हुआ की धारावी से कोरोना मरीजों की संख्या घटने लगी थी और जुलाई के बाद तो ये नगण्य हो गयी थी पर कोरोना की तीसरी लहर में पहले से ही सावधान धाराविकर और मनपा प्रशासन ने विशेष ध्यान दिया और कोरोना को कण्ट्रोल में लाने का प्रयास शुरू कर दिया , जिसका नतीजा ये हुआ की बीते २ दिनों से धारावी से कोरोना मरीजों की संख्या ४० दिनों के बाद एक की संख्या यानी एक एक मरीजों पर आ गयी , जिसकी वजह से धाराविकरों में ख़ुशी व्याप्त है . वहीँ धारावी के दूकानदार और व्यापारी मुंबई सहित राज्य के विभिन्न जिलों में लागू लॉक डाउन में से धारावी को अलग कर यहाँ पर नियम व् शर्तों में छुट दिए जाने की मांग करने लगे हैं , व्यापारियों का कहना है की जब धारावी से मरीजों की संख्या नगण्य हो रही है तो यहाँ से लॉक डाउन को हटाकर शिथिल कर देना चाहिए ताकि यहाँ की गरीब जनता को इसका सीधा लाभ मिल सके और उनके सामने आ रही भूख मरी की नौबत को टाला जा सके .बता दें की धारावी गरीब लोगों की बस्ती मानी जाती है और यहाँ पर रोज कमाकर खानेवालों की संख्या अधिक है लॉक डाउन की वजह से जिन लोगों का व्यवसाय ठप्प पडा है उनके सामने भुखमरी की नौबत आन पडी है ऐसे में राज्य सरकार और मनपा प्रशासन को इन गरीब लोगों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए यहाँ पर लॉक डाउन में शिथिलता देते हुए इन्हें राहत प्रदान करना चाहिए. इस बारे में जल्द ही व्यापारियों का एक शिष्ट मंडल राज्य व् मनपा के आला अधिकारियों से मिलने की योजना बना रहा है .
धारावी से लॉक डाउन का प्रभाव कम किये जाने की मांग