एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस: हास्य, उपचार और संकल्प का उत्सव


मुंबई -एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय, चर्चगेट में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसे मनोविज्ञान विभाग द्वारा विद्यार्थियों के विकास विभाग के सहयोग से सर सीताराम और लेडी शांताबाई पटकर सभागृह में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें विभागाध्यक्ष, प्राचार्य, संकाय सदस्य, गैर-शिक्षण कर्मचारी और छात्राएं सम्मिलित थीं।अपने स्वागत भाषण में मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. नीलेश ठाकरे ने इस वर्ष की थीम “सेवाओं तक पहुँच: आपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य” का परिचय देते हुए शिक्षा और सामुदायिक जागरूकता में मानसिक स्वास्थ्य की भूमिका पर बल दिया।माननीय कुलपति प्रो. उज्ज्वला चक्रदेव ने विश्वविद्यालय की भावनात्मक स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया, वहीं कुलसचिव डॉ. विलास नांदवडेकर ने संस्थागत सहयोग की महत्ता को रेखांकित किया।

विद्यार्थी विकास के अधिष्ठाता डॉ. नितिन प्रभुतेंदोलकर ने आभार प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए छात्रों को सहानुभूति और पारस्परिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण “ब्लूज़ तोड़ो, पर मुस्कान नहीं” शीर्षक से आयोजित एक पैनल चर्चा रही, जिसका संचालन डॉ. ठाकरे ने किया। इस चर्चा में प्रसिद्ध निर्देशक एवं अभिनेता श्री सच्चिन गोस्वामी, लोकप्रिय मराठी अभिनेता श्री श्याम राजपूत और मराठी विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील रामटेके शामिल हुए। इस सत्र में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और तनाव से निपटने में हास्य व हँसी की भूमिका पर विचार-विमर्श हुआ।

छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नाटिकाएँ, गीत, नृत्य, एकल अभिनय तथा जादू का कार्यक्रम – सभी ने आघात, उपचार और आशा की भावनाओं को प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शित किया।

इस अवसर पर विभाग की वार्षिक पत्रिका “कॉग्नीसोल – एवरीथिंग साइकोलॉजी” का विमोचन भी किया गया।समापन सत्र में डॉ. जयश्री शिंदे, बहु-विषयी अध्ययन संकाय की अधिष्ठाता, तथा श्री विलास देसाई, वित्त एवं लेखा अधिकारी, ने विभाग की सराहना करते हुए शुभकामनाएँ दीं।

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र्यक्रम आभार और आशावाद के साथ समाप्त हुआ, जिसमें यह संदेश प्रमुख रहा कि हास्य और संकल्प मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सशक्तिकरण के लिए अनिवार्य हैं।